Narazgi Shayari in hindi 😠 नाराजगी शायरी

Narazgi Shayari in hindi नाराजगी शायरी

Narazgi Shayari एक ऐसा खूबसूरत और मार्मिक तरीका है जिससे हम अपने रिश्तों में आई खटास, दुख या नाराज़गी को व्यक्त कर सकते हैं। आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में गलतफहमियां और छोटी-छोटी बहसें आम बात हैं, लेकिन ये हमारे दिल पर गहरा असर छोड़ जाती हैं। नाराज़गी शायरी इन नाज़ुक भावनाओं को शब्दों में पिरो देती है, जिससे उन भावनाओं को व्यक्त करना आसान हो जाता है जिन्हें सीधे तौर पर कह पाना कठिन होता है।

चाहे आप किसी अपने से नाराज़ हों या रिश्तों में खटास को दूर करना चाहते हों, ये शायरी वो बात कह जाती है, जिसे हम खुद नहीं कह पाते। 

Narazgi Shayari in Hindi

नाराज़गी एक ऐसा एहसास है जो किसी भी रिश्ते में आ सकता है, और दिल को दुखी कर सकता है। ये शायरी उस नाराज़गी और शिकायत को बयान करती है, जो प्यार और रिश्तों में अक्सर आती है। लेकिन ये भी बताती है कि गुस्से के बावजूद, प्यार अभी भी ज़िंदा है।

Narazgi Shayari in Hindi

नाराजगी वहाँ मत रखिएगा मेरे यार
जहाँ आपको खुद बताना पड़े … आप नाराज हैं!

ग़ुस्से में भींच लेता है बाँहों में अपनी वो
क्या सोचना है फिर उसे ग़ुस्सा दिलाइए!

नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है
गमों के तो इतने नखरे नही होते!

ना जाने किस बात पे आप नाराज है हमसे
ख्वाबों मे भी मिलते है तो बात नही करते!

जहाँ नाराजगी की कद्र न हो
वहाँ नाराज होना छोड़ देना चाहिये!

या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से 
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है!

जहाँ नाराजगी की कद्र न हो
वहाँ नाराज होना छोड़ देना चाहिये!

इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले 
वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते!

इंसान की हर बात खामोशी से मान लेना 
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का!

Boyfriend/Girlfriend Love Narazgi Shayari

रिश्तों में छोटे-मोटे झगड़े और नाराज़गी होना आम बात है। ये शायरी उन भावनाओं को बयां करती है जब आपका प्यार आपसे नाराज़ हो जाता है, लेकिन फिर भी आप दिल से उसे मानाने की कोशिश करते हैं। इसमें प्यार भरी नाराज़गी का दर्द और उसे दूर करने की चाहत झलकती है।

Boyfriend/Girlfriend Love Narazgi Shayari

तेरी नाराज़गी ने चैन छीना मन मेरा बेचैन सा है
माफ़ कर देना मुझे मेरी जानेमन तेरा प्यार ही मेरा सहारा है।

तेरी आँखों में नमी देखकर दिल मेरा रो रहा है।
आ जाओ मेरी बाहों में मैं तुम्हें मना रहा हूँ।

तेरी रूठने की अदा भी कितनी प्यारी है
पर मेरा दिल नहीं सह पाता तेरी नाराज़गी।

तू रूठती है तो मेरी दुनियाँ अंधेरी हो जाती है
माफ़ कर देना मुझे मेरी जानेमन तेरी मुस्कान ही मेरी खुशी है।

तेरे बिना मेरा जीना मुश्किल है
आ जाओ मेरी बाहों में मैं तुम्हें प्यार से मनाऊंगा।

तेरी नाराज़गी ने मेरा दिल तोड़ा है
माफ़ कर देना मुझे मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।

तेरी आँखों में तूफान देखकर मेरा मन घबरा रहा है
शांत कर दो मुझे अपनी मुस्कान से।

तेरी नाराज़गी ने मेरी नींदें उड़ा दी हैं
माफ़ कर देना मुझे मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।

तू मेरी ज़िंदगी की खुशी है
मेरी गलती को माफ़ कर देना।

तेरी यादें मुझे बार-बार सताती हैं
आ जाओ मेरी बाहों में मैं तुम्हें कभी नहीं जाने दूंगा।

Husband/Wife Love Narazgi Shayari

शादीशुदा ज़िंदगी में कभी-कभी गुस्सा और नाराज़गी भी आ जाती है। ये शायरी पति-पत्नी के बीच के प्यार और नाराज़गी की भावनाओं को दर्शाती है। इसमें झगड़े के बावजूद उस प्यार की झलक होती है, जो दोनों के दिल में छिपा होता है।

Husband/Wife Love Narazgi Shayari

जिंदगी की नाराजगी लगता है
मुझसे खत्म हीं नहीं होगी
जिसे हद से ज्यादा चाहा
वो कभी मेरी नहीं होगी!

वो शख्स कुछ नाराज़ सा था मुझ से
शायद नाराजगी के साथ अकेले घर जा रहा था
चेहरा भी कुछ खामोश सा था उसका
लेकिन शोर उसकी आंखो में नजर आ रहा था!

नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है
तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है
हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो
चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जचता है!

नाराज़गी भी है लेकिन किसको दिखाऊं
प्यार भी है लेकिन किस से जताऊँ
वो रिश्ता ही क्या जिसमे भरोसा ही नहीं
अब उनपर हक़ ही नहीं कैसे बताऊं!

सबको खुश रखने की कोशिश करोगे
तो खुशियाँ नाराज हो जाएगी
दिखावे के चक्कर में जो फंसोगे
तो बस हार हीं हार पाओगे!

तुम्हारे जाने के बाद मेरा ये दिल घबरा रहा है
न जाने क्यों पर तुम्हें खोने का डर सता रहा है
वापस लौट आओ तुम ओ मेरी जान
बिना तुम्हारे अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है।

किस बात पर खफा हो
यह जरूर बता देना!
अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से
रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है!

जो रूठ गए तुम तो हम पल भर में मना लेंगे
दूर जाओगे जो हमसे तो पास ले आएंगे
कह कर तो देखो ए-मेरी-जान हमसे तुम
तुम्हारे लिए इस जहान को भी दुश्मन बना लेंगे।

नाराज़गी हो तो जता लेना
लेकिन नफ़रत न करना
चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना
बस बेवफाई न करना!

Narazgi Door Karne Ki Shayari

जब कोई नाराज़ हो जाता है, तो उसे मनाना सबसे मुश्किल काम होता है। ये शायरी उसी कोशिश को बयान करती है जब आप अपने खास इंसान की नाराज़गी को दूर करना चाहते हैं और उसे फिर से हंसते हुए देखना चाहते हैं। इसमें प्यार और अपनेपन की मिठास होती है।

Narazgi Door Karne Ki Shayari

तुम रूठो तो तुम्हे मनाने आ जाएंगे
हम रूठे भी तो बताओ किस के भरोसे।

तेरी बात को खामोशी से मान लेना
ये भी अंदाज है मेरी नाराज़गी का।

मेरी आवारगी को तुम नादानी न समझना
जुदा जो हूं मैं तुमसे…सिर्फ तुम्हारी खुशी के लिए।

ठुकरा दिया तूने अच्छा किया
मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं।

मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकीन है की
कोई मुझे छोड़ सकता है लेकिन भूल नही सकता।

तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे…
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया।

तेरी नाराज़गी मेरी दीवानगी
चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है।

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना।

देखो नाराज़गी मुझसे ऐसे भी जताती हैं वो
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही।

तु हर साँस के साथ याद आती है
अब तु ही बता तेरी याद को रोक दूँ या अपनी साँस को।

Narazgi Shayari 2 Lines

कभी-कभी नाराज़गी को बयां करने के लिए सिर्फ दो लाइनें काफी होती हैं। ये शायरी छोटी होती है लेकिन गहरे एहसासों को छू जाती है। इसमें नाराज़गी और उसे दूर करने की बात को सरल और सुंदर तरीके से कहा जाता है।

Narazgi Shayari 2 Lines

खामोशियां ही बेहतर हैं
शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं।

नाराजगी में भी है कुछ ख़ास बातें
मोहब्बत का इज़हार होता है सबसे अलग।

कुछ रिश्ते ख़ामोशी और नाराज़गी के
चलते बच जाते है इस दुनिया में।

कुछ नाराज़गी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती हैं
समझने समझाने से नहीं।

चेहरे पर मुस्कान है पर दिल उदास है
तुम्हारी नाराज़ी से ये ज़िंदगी बेहाल है।

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हे
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना।

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया
तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।

नाराज़ होते हो तो ख़याल रखना
दिल टूट जाता है तुम्हारी नाराजगी से।

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।

किस बात पे खफा हो नाराज लग रहे हो
लगते हो जैसे हरदम ना आज लग रहे हो ।

Narazgi Dard/Sad Shayari

जब नाराज़गी के साथ दर्द भी जुड़ जाता है, तो दिल भारी हो जाता है। ये शायरी उस गहरे दर्द को बयां करती है जो नाराज़गी से जुड़ा होता है। इसमें गुस्से और उदासी का मिलाजुला एहसास झलकता है, जो दिल को छू जाता है।

Narazgi Dard/Sad Shayari

आज कुछ लिख नही पा रहा
शायद कलम को मुझसे नाराजगी है!

नाराज़गी जायज़ है तुमसे
मगर नफ़रत मुमकिन नही।

तेरी बात को खामोशी से मान लेना
ये भी अंदाज़ है मेरी नाराज़गी का!

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है
दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

देखो नाराज़गी मुझसे ऐसे भी जताती हैं वो
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही।

आज मौसम भी कमबख्त खुशमिज़ाज है
क्या करे अब हमारा यार थोड़ा नाराज है!

जैसे मैं तुम्हारी हर नाराजगी समझता हूं
काश वैसे हीतुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते।

एक नाराज़गी सी है जहन में जरुर
पर मैं खफ़ा किसी से नहीं।

हमें नहीं भाता तेरा किसी और को ताकना
फक़त नाराज़गी भी रखिए तो सिर्फ हमसे।

मुद्दतों से था जो नाराज़ मुझसे
आज वही मुझसे मेरी नाराजगी की वजह पूछता है।

Dosti/Friends Narazgi Shayari

दोस्ती में कभी-कभी छोटी-मोटी नाराज़गी आ ही जाती है, लेकिन दोस्ती का प्यार कभी खत्म नहीं होता। ये शायरी दोस्तों के बीच की नाराज़गी और उसे दूर करने की कोशिश को बयान करती है। इसमें वो मीठी शिकवे-शिकायतें होती हैं, जो दोस्ती को और भी मजबूत बनाती हैं।

Dosti/Friends Narazgi Shayari

मेरा दोस्त मुझसे ही कटने लगा है
जाने क्यों वह खुद में ही सिमटने लगा है।

बहुत नाराज़ है वो और उसे हम से शिकायत है
कि इस नाराज़गी की भी शिकायत क्यूँ नहीं करते।

वादे झूठ से भी बदतर होते हैं क्योंकि आप सिर्फ उन्हें विश्वास
नहीं कराते आप उन्हें भी खोखला बना देते हैं।

अगर नाराज़ हो रहे हो मेरी इन नादाँ हरकतों से दोस्तों बस
कुछ दिन की ही बात है फिर चला जाऊँगा तुम्हारे इस जहां से।

एक बात बताओ ये जो तुम नाराज़ हो
तुम्हें मनाने के लिए कोन से ब्रांड की चप्पल लाऊँ।

भागे चले आते थे कभी दोस्त मनाने के लिए मुझे
मगर अब ना जाने उन्हें हमारी #Narajgi क्यों नहीं दिखती।

हम नाराज हैं दोस्तों से और मनाना तो दूर की बात है
वो वजह भी नहीं पूछ रहे।

ज़रा सी बात पे नाराज़गी अगर है यही
तो फिर निभेगी कहाँ दोस्ती अगर है यही।

जानता हूँ उस की हर नाराज़गी को मैं मगर
अपने हिस्से का भी तो कोई गिला रखता हूँ मैं।

वक़्त उनके पास भी न रहा वक़्त हमारे पास भी न रहा नाराज़गी
तो है हमारे दरम्यान पता नहीं किसने किसको क्या कहा।

Teri Narazgi Shayari

जब कोई खास इंसान नाराज़ हो जाता है, तो दिल दुखता है। ये शायरी उसी दर्द को बयां करती है जब आपके खास इंसान की नाराज़गी आपको अंदर तक परेशान कर देती है। इसमें उस गहरे एहसास को बयां किया जाता है कि उनकी नाराज़गी कितनी तकलीफदेह है, और आप उसे कैसे दूर करना चाहते हैं।

Teri Narazgi Shayari

तेरी नाराजगी वाजिब है दोस्त
मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल!

इंसान की हर बात खामोशी से मान लेना
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का!

किसी को मनाने से पहले यह अवश्य जान लें
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान!

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक़ है तुम्हे
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना!

उसकी ये मासूम अदा मुझे खूब भाति है
नाराज मुझसे होती है गुस्सा सबको दिखाती है!

एक नाराजगी सी है जहन में जरूर
पर मैं खफा किसी से नहीं..!!

अगर तेरी नाराज़गी तेरी मजबूरी है
तो रहने दे मुझे मानना नहीं जरुरी है।

तुम से नाराज़ होने के बात मैं अपने
आप के साथ कैसे बात कर सकता हूँ।

बड़े शहर की सबसे खास बात
यहाँ हर कोई हर किसी की बात से खफा है।

ज़िंदगी की रिहाई से नहीं
तुम्हारी नाराज़गी से डर लगता है।


Conclusion:

Narazgi Shayari एक खास तरीका है उन भावनाओं को व्यक्त करने का, जो हम आमतौर पर नहीं कह पाते। चाहे आप दुखी हों, सुलह की कोशिश कर रहे हों, या बस अपने दिल की बात किसी तक पहुंचाना चाहते हों, ये शायरी आपके काम आएगी।

इसकी खूबसूरती इसकी सादगी में छिपी है। कुछ शब्दों में गहरी भावनाओं को बयान करने की ताकत नाराज़गी शायरी को इतना खास बनाती है। तो अगली बार जब भी आप किसी से नाराज़ हों, एक शायरी के ज़रिये अपने दिल की बात कह कर देखिए, हो सकता है ये रिश्तों को सुधारने का रास्ता बने।

नाराज़गी शायरी से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नाराज़गी शायरी क्या है?

Narazgi Shayari उर्दू शायरी का एक खास हिस्सा है, जिसमें रिश्तों में आई नाराज़गी, गुस्सा या दूरी को बयां किया जाता है। “नाराज़गी” का मतलब होता है गुस्सा या नाखुशी, और शायरी, जो कि हमारे भारतीय और पाकिस्तानी कल्चर का एक हिस्सा रही है, इसे बेहद खूबसूरत तरीके से शब्दों में ढालती है।
अक्सर नाराज़गी शायरी प्यार, टूटे दिल, गलतफहमियों और सुलह के इर्द-गिर्द घूमती है। ये हमें उन जज़्बातों को कहने का मौका देती है जिन्हें हम आमतौर पर ज़ुबान से कहने में हिचकिचाते हैं, और इसीलिए ये शायरी इतनी लोकप्रिय है।

नाराज़गी शायरी इतनी लोकप्रिय क्यों है?

नाराज़गी शायरी इसलिए लोगों के दिल को छू जाती है क्योंकि यह हमारी आम जिंदगी की भावनाओं को बयान करती है। हम सभी ने कभी न कभी रिश्तों में खटास या नाराज़गी का सामना किया है, चाहे वो किसी दोस्त, साथी या परिवार के सदस्य के साथ हो। यह शायरी उन भावनाओं को सरल लेकिन बेहद मार्मिक तरीके से व्यक्त करती है।
इसके अलावा, नाराज़गी शायरी की भाषा और शैली इसे और भी यादगार बनाती है। इसमें कविता, उपमाएं, और लय का उपयोग होता है, जिससे ये शायरी सुनने और समझने में ज्यादा दिलचस्प लगती है।

नाराज़गी शायरी रिश्ते सुधारने में कैसे मदद कर सकती है?

नाराज़गी शायरी उन भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करती है जिन्हें कह पाना मुश्किल होता है। यह दूरी को कम कर, दुख या निराशा को ज़ाहिर करने का एक तरीका देती है, और इससे रिश्तों में सुधार की संभावना बढ़ जाती है।

क्या नाराज़गी शायरी माफी मांगने के लिए उपयोग की जा सकती है?

हां, नाराज़गी शायरी माफी मांगने या रिश्तों में सुधार की इच्छा जताने का एक शानदार तरीका हो सकता है। यह माफी को एक भावनात्मक और काव्यात्मक स्पर्श देती है, जिससे गुस्से की जगह सुलह का रास्ता साफ हो जाता है।

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