गुलज़ार – एक नाम जो अदब, मोहब्बत और एहसासात की दुनिया में अपनी खास जगह (Gulzar Shayari) रखता है। असल नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा, लेकिन दुनिया उन्हें उनके तख़ल्लुस ‘गुलज़ार’ से जानती है। 18 अगस्त 1934 को दीना (अब पाकिस्तान) में जन्मे गुलज़ार साहब ने अपनी ज़िन्दगी के हर लम्हे को अल्फ़ाज़ों में ढाला। उनकी शायरी में कहीं टूटे दिल की कसक है, कहीं बचपन की मासूमियत, तो कहीं ज़िन्दगी की सच्चाइयों का आइना। उन्होंने अपनी पहली शायरी ‘तेरा बचपन बुलाता है’ से जिस सफर की शुरुआत की, वो आज भी लाखों दिलों की धड़कन बना हुआ है। गुलज़ार साहब ने शेर-ओ-शायरी को सादगी, गहराई और जज़्बात का ऐसा लिबास पहनाया, जो सीधे दिल में उतरता है।
उनकी कलम ने मोहब्बत, जुदाई, तन्हाई और इंसानी रिश्तों को ऐसे बयान किया है कि हर लफ़्ज़, हर मिसरा, जैसे अपना सा लगने लगता है। उनकी लिखी हुई पंक्तियाँ बस अल्फ़ाज़ नहीं, दिल की आवाज़ हैं। गुलज़ार साहब की शायरी हर उस दिल के करीब है, जिसने कभी चाहा, कभी टूटा और कभी फिर जी उठने की ख्वाहिश की।
Heart Touching Gulzar Shayari
गुलज़ार साहब की शायरी दिल को ऐसे छू जाती है जैसे बारिश की पहली बूंद ज़मीन को। यहाँ मिलेंगी दिल को छू जाने वाली गुलज़ार शायरी, जो कभी आंखें नम कर देगी, कभी दिल मुस्कुराने लगेगा। हर अल्फ़ाज़ में होगा सच्चा एहसास और जज़्बातों की गहराई।

मंजर भी बेनूर था और
फिजायें भी बेरंग थीं
बस फिर तुम याद आये
और मौसम सुहाना हो गया!
मुझसे धोखा दिया नहीं जाता
मै साथ दुनिया के चलू कैसे
मै सबका दिल रखता हूँ और
सुनो मै भी एक दिल रखता हूँ
मशवरा तो खूब देते हो की खुश रहा करो
कभी खुश रहने की वजह भी दे दिया करो
इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे
अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।
महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए
यह दुनिया की रस्म है इसे मुहोब्बत मत समझ लेना
उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर…
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले ।
रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो
दिन की चादर अभी उतारी है।
गुज़रा वक़्त याद करके रोना नहीं तुम
गुज़रा इसलिए के वक़्त अच्छा आने वाला है!!
बचपन का शोर सुकून देता था
आज की ख़ामोशी खाने को दौड़ती है।
एक बार तो यूँ होगा कि थोड़ा सा सुकून होगा
ना दिल में कसक होगी और ना सर पे जूनून होगा!!
दूरियां जब बढ़ी तो
गलतफहमियां भी बढ़ गई
फिर उसने वो भी सुना
जो मैंने कहा ही नहीं
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है
उनके इंतजार में दिल तरसता है
क्या कहें इस कम्बख्त दिल को
अपना हो कर किसी और के लिए धड़कता है।
कहीं किसी रोज यूं भी होता
हमारी हालत तुम्हारी होती
जो रातें हमने गुजारी मरके
वो रातें तुमने गुजारी होती
वो हमे भूल ही गए होंगे
भला इतने दिनों तक
कौन खफा रहता है..
Gulzar Shayari on Life/Zindagi
ज़िंदगी की सच्चाई, उसकी ख़ूबसूरती और कभी-कभी उसकी बेरुख़ी को गुलज़ार साहब ने अपने शब्दों में बड़ी सादगी से कहा है। यहाँ मिलेंगी ज़िंदगी पर Gulzar Shayari, जो हर पल का एहसास करा दे।

ज़िंदगी यूँ ही थोड़ी सी आसान है
थोड़ी सी उलझनें थोड़ी सी मुस्कान है।
इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी
हमें कौन-से सदियाँ गुजारनी है यहां।
उम्र ज़ाया कर दी लोगों ने औरों में नुक्स निकालते निकालते
इतना खुद को तराशा होता तो फरिश्ते बन जाते।
इश्क़ सिर्फ नाम का खेल नहीं होता
ये वो एहसास है जो रूह तक उतर जाता है|
तू मिले तो हर ग़म को भुला दूं
तेरी बाहों में खुद को फिर से पा लूं|
मोहब्बत के हर सफर में तेरा साथ रहे
बस यही दुआ है कि तू हमेशा मेरे पास रहे|
ना राज़ है ज़िन्दगी ना नाराज़ है ज़िन्दगी
बस जो भी है वो आज है ज़िन्दगी।
जब से काबिलियत का मसअला उठा है…
हमनें कोनें से मेहनत का दामन पकड़ रखा है…!!
वो ग़लत कहते हैं कि दौलत बुरी चीज़ है…
दुनियाँ में दौलत ज़िन्दगी से ज़्यादा कम नहीं…!!
तू समझता क्यूं नही है
दिल बड़ा गहरा कुआँ है
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है
एक बीते हुए रिश्ते की
एक बीती घड़ी से लगते हो
तुम भी अब अजनबी से लगते हो
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
दौलत नहीं शोहरत नहीं न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए।
अब मत मिलना
तुम दोबारा मुझे
वक़्त बहुत लगा है
खुद को संभालने में..!!
Gulzar Shayari on Love
इश्क़ जब गुलज़ार के लफ़्ज़ों से निकलता है, तो हर अल्फ़ाज़ दिल के सबसे कोमल हिस्से को छूता है। यहाँ पाएं मोहब्बत पर Gulzar Shayari, जो अधूरी मोहब्बत, बेइंतेहा प्यार और बिछड़ने की कसक को सबसे ख़ूबसूरत अंदाज़ में बयान करती है। हर लफ़्ज़ में होगा जज़्बातों का जादू।

तुझे पाने की जिद थी
अब भुलाने का ख्वाब है
ना जिद पूरी हुई और
ना ही ख्वाब..
सब तरह की दीवानगी
से वाकिफ हुए हम
पर मा जैसा चाहने वाला
जमाने भर में ना था !
अब टूट गया दिल
तो बवाल क्या करें
खुद ही किया था पसंद
अब सवाल क्या करें ?
कयामत तक याद करोगे
किसी ने दिल लगाया था
एक होने की उम्मीद भी न थी
फिर भी पागलों की तरह चाहा था।
हर कोई परेशान है
मेरे कम बोलने से
और मै परेशान हूं
अपने अंदर के शोर से..!!
कभी कभी बहुत सताता है
यह सवाल मुझे कि
हम मिले ही क्यूं थे जब हमें
मिलना ही नही था.!
काश कोई हमें भी
ऐसा चाहे
जैसे कोई तकलीफ में
सुकून चाहता है.!
दुनिया का सबसे खूबसूरत
दिन था वो मेरे लिए
जब मुझे पता चला कि
तुम मुझसे प्यार करते हो.!
रात भर जागते हैं
एक शख्स के खातिर
जिसको दिन के उजाले में भी
मेरी याद नहीं आती.!!
किसी को उजाड़ कर
बसे तो क्या बसे
किसी को रुला कर
हंसे तो क्या हंसे..!!
दिल के रिश्ते हमेशा
किस्मत से ही बनते हैं
वरना मुलाकात तो रोज
हजारों से होती है.
तुझसे दूर जाने का
कोई इरादा ना था
पर रुकते आखिर कैसे
जब तू ही हमारा न था..!!
फिक्र है इज्जत की तो
मोहब्बत छोड़ दो जनाब
आओगे इश्क की गली में
तो चर्चे जरूर होंगे..!!
अब मत मिलना
तुम दोबारा मुझे
वक़्त बहुत लगा है
खुद को संभालने में..!!
2 Lines Gulzar Shayari
गुलज़ार साहब के दो लफ़्ज़ भी दिल के पूरे समंदर को बयान कर देते हैं। यहाँ मिलेंगी 2 लाइन गुलज़ार शायरी, जो कम शब्दों में गहरी बातें कह जाए। हर लाइन में होगा दर्द, मोहब्बत, यादें और ज़िंदगी की सच्चाई, जो सीधे दिल को छू जाए।

फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है
उनसे मिलकर यूँ लगा जैसे
साल बीते सदियां गुज़र गईं
जिंदगी तो बेवफा है एक दिन धोखा देगी
मौत सच्चा यार है कंधा देकर ले जाएगी
दिल में एक लहर सी उठी है अभी
कोई तारीफ़ की बारिश कर गया
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
आप के बा’द हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
कुछ लोग किताब की तरह होते हैं
हर बार पढ़ने पर नया सबक देते हैं
तुम्हारी कमी नहीं है मुझमें
बस तुम नहीं हो मेरे पास
एक पल में ज़िंदगी बदल जाती है
एक पल ज़िंदगी भी होता है
मैं शायर तो नहीं मगर
तुम्हारी यादें मुझे शायर बना देती हैं
खामोशी भी एक जुबान है
समझने वाले समझ जाते हैं
मेरी किताब में तेरी तस्वीर का पन्ना
कभी पढ़ता हूं, कभी देखता हूं
हर ख़्वाहिश में तेरा जिक्र है
हर दुआ में तेरा नाम है
कुछ यादें ऐसी होती हैं
जो कभी पुरानी नहीं होतीं
आँखों में तेरी जो तस्वीर है
वो मेरी सबसे कीमती यादगार है
जिंदगी तो बहुत छोटी है यारों
मगर यादें बहुत लंबी हैं
आबाद अगर न दिल हो तो बरबाद कीजिए
गुलशन न बन सके तो बयाबाँ बनाइए

About Author : I’m a passionate freelance writer, editor, and blogger who finds joy in capturing the heart of every celebration – birthdays, anniversaries, or gatherings. I turn special moments into touching stories that people love to read. A devoted shayari lover, I express emotions through soulful poetry and meaningful verses. For me, every event is a story, every feeling a poem, waiting to be written and shared with those who cherish life’s simple, beautiful moments.