जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का दिव्य उत्सव, एक ऐसा पर्व है जो आनंद, भक्ति और आध्यात्मिकता से भरपूर होता है। इस त्योहार की सबसे प्रिय परंपराओं में से एक है Janmashtami Shayari का आदान-प्रदान—यह शायरियाँ भक्ति, प्रेम और श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को व्यक्त करती हैं। ये शायरियाँ, जो भावनाओं और सांस्कृतिक महत्व से भरपूर होती हैं, लोगों को एक अनूठे तरीके से जोड़ती हैं और इस पर्व को और भी खास बना देती हैं।(See Shiva Shayari)
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Krishna Janmashtami Shayari : कृष्ण जन्माष्टमी शायरी
आइए, इस जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की बाल लीला और उनकी मुरली की मधुर तान को शायरी के रंग में रंगते हैं। हर शब्द में बसेंगी मुरलीधर की मधुरिमा और प्रेम।
गोकुल में मची है धूम आया कृष्ण का जन्मदिन
बांसुरी की मधुर तान से हुआ हर दिल रंगीन
कान्हा की मुस्कान में छिपा है संसार का सार
जन्माष्टमी के दिन आज करें उनका जयकार
घर-घर दीप जलाएं मन में प्यार जगाएं
कृष्ण जन्म की बेला में सबको गले लगाएं
नटखट नंद के लाला सबके दिलों के उजाला
जन्माष्टमी के अवसर पर याद करें गोपाला
राधा रानी के संग में नाचे श्याम सलोना
जन्माष्टमी की रात को यमुना तट पर होना
गोपियों के संग रास रचाए मुरली की धुन सुनाए
कृष्ण जन्म के उत्सव में सब मिलकर झूम जाएं
माखन की चोरी करके गोपियों को सताया
फिर भी सबके दिल में प्यार का दीप जलाया
कालिया नाग को नचाया पूतना को मार गिराया
बाल रूप में ही कृष्ण ने अपना पराक्रम दिखाया
द्वारका के राजा बने फिर भी रहे गोपाल
जन्माष्टमी पर याद करें उस नटखट नंदलाल
मुरली मनोहर की धुन पर थिरके सारा संसार
जन्माष्टमी के अवसर पर करें कृष्ण का श्रृंगार
Happy Janmashtami Shayari : हैप्पी जन्माष्टमी शायरी
इस शुभ अवसर पर, दिल की गहराइयों से जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। शायरी के जरिये प्रकट करें अपने भक्ति और प्यार को, और बांटे खुशियां।
मुरली की तान पर झूमे ब्रज बाला
कृष्ण जन्म ने किया सबको मतवाला।
अष्टमी की रात को जन्मे गिरधारी
सारी दुनिया हुई उनपर बलिहारी।
बाल-गोपाल की मुस्कान प्यारी
जन्माष्टमी की शुभकामना हमारी
मक्खन-मिश्री का भोग लगाएँ
कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई पाएँ
मुरली की धुन पर थिरके कदम
जन्माष्टमी पर कृष्ण को करें नमन
नंदलाला के आगमन की खुशियाँ छाई
मथुरा में जन्माष्टमी की रौनक आई
कृष्ण की बांसुरी राधा का प्यार
जन्माष्टमी का त्योहार मुबारक हो बार-बार
कान्हा आए हैं द्वार पे मटकी लेकर हाथ
जन्माष्टमी की बधाई झूले पे झूले नाथ
माखन चोर की याद में सजा है हर एक द्वार
कृष्ण जन्मोत्सव आया है मंगल हो त्योहार
देवकी के लाल को वंदन बारंबार
जन्माष्टमी का त्योहार आया फिर एक बार
Janmashtami ki Shayari : जन्माष्टमी की शायरी
जन्माष्टमी का पावन पर्व लाया है भक्ति और आनंद का सागर। शायरी के इन खूबसूरत लफ्ज़ों में बसाएं अपने प्रभु श्रीकृष्ण की मधुर स्मृतियों को।
कृष्णा का जन्मोत्सव है आया
हर दिल में प्रेम और भक्ति का दीप जला।
राधा के संग कान्हा का प्यार
जन्माष्टमी पर हमें भी मिले उनका उपहार।
नंद के आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की जन्माष्टमी पर हो सबकी बलिहारी।
कृष्णा की लीला है अनंत
जन्माष्टमी पर पाओ उनका सत्संग।
राधा के प्रेम में डूबा है ये मन
कृष्ण की भक्ति में कट जाए जीवन।
मुरली की धुन से सजाएं ये रात
जन्माष्टमी पर हो सबका साथ।
मटकी फोड़ने का समय आया
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व है आया।
नंदलाल का जन्म है आज का त्यौहार
सब मिलकर मनाएं कृष्ण से करें प्यार।
राधे-राधे का नाम लो प्यारे
जन्माष्टमी पर कृष्ण तुम्हें अपनाएंगे।
कृष्ण के वचन गीता का सार
इस जन्माष्टमी पर हमें मिले उनका उपहार।
माखनचोर के चरणों में सब दुख दर्द मिट जाएं
इस जन्माष्टमी पर बस कृष्ण को मन भाए।
Janmashtami per Shayari : जन्माष्टमी पर शायरी
इस जन्माष्टमी, शायरी के माध्यम से श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करें। प्रेम, भक्ति और आस्था से सराबोर ये शायरी आपके दिल को छू जाएगी।
मटकी फोड़े मनमोहन मक्खन चोर कहलाए
जन्माष्टमी पर आज सबके दिल में बस जाए
नंदलाला के आगमन पर सजा है ब्रज का द्वार
जन्माष्टमी की बधाई स्वीकार करो हज़ार बार
राधा की आँखों में बसे गोपाल की मुस्कान
जन्माष्टमी पर आज करें हम उनका गुणगान
गोकुल में बजी बधाई मथुरा में हुआ जयकार
कान्हा के जन्मदिन पर खुशियाँ बरसें अपार
कृष्ण के चरणों में झुके देवकी-वसुदेव के शीश
जन्माष्टमी पर मिले सबको सुख और आशीष
मथुरा से द्वारका तक गूंजे कृष्ण का नाम
जन्माष्टमी के दिन करें उनको प्रणाम
रास रचाए वृंदावन में राधा संग गिरधारी
जन्माष्टमी की रात छाई प्रेम की फुहारी
यमुना के तट पर खेले गोपियों के संग श्याम
जन्माष्टमी पर गाएँ उनके गुणों के गान
पूतना को मुक्ति दी बाल रूप में भगवान
जन्माष्टमी पर करें उनकी लीला का बखान
कालिया नाग पर नाचे यमुना में गिरधारी
जन्माष्टमी पर सुनें उनकी कथा प्यारी
राधा-कृष्ण की जोड़ी सबके मन को भाए
जन्माष्टमी के अवसर पर प्रेम का संदेश फैलाए
Krishna Janmashtami Love Shayari : कृष्ण जन्माष्टमी लव शायरी
राधा और कृष्ण के प्रेम की अमर कहानी को शायरी में पिरोते हुए, इस जन्माष्टमी पर प्रेम की नई परिभाषा गढ़ें। हर शायरी में छलक उठेगा राधे-कृष्ण का अलौकिक प्रेम।
मुरली की धुन पर नाचे राधा रानी
वृंदावन में खिली प्रेम की कहानी।
कृष्ण की लीला अनंत अपार
जन्माष्टमी पर करें उनका श्रृंगार।
द्वारकाधीश की महिमा अपार
जन्माष्टमी पर करें उनका जयकार।
जन्माष्टमी की रात को जन्मे नंद के लाल
भारत की संस्कृति में बसे हैं गोपाल।
मुरली की धुन पे नाचे राधा
कृष्ण के प्रेम में हुई वो आधा।
जन्माष्टमी का त्योहार आया
कृष्ण-राधा का प्यार छाया।
द्वारका के राजा बने श्याम
राधा के दिल में बसा उनका नाम।
श्याम रंग में रंगी दुनिया सारी
जन्माष्टमी पर मिली खुशियां प्यारी।
गोकुल की गलियों में बजी शहनाई
कृष्ण के जन्म की खुशियां छाई।
गोपाल के चरणों में झुका जहान
जन्माष्टमी पर मिला नया वरदान।
निष्कर्ष – Conclusion
जन्माष्टमी शायरी केवल काव्यात्मक पंक्तियाँ नहीं हैं; यह भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और शिक्षाओं का एक उत्सव है। चाहे आप अपनी खुद की शायरी लिख रहे हों, किसी मित्र के साथ साझा कर रहे हों, या मंदिर में इसे पढ़ रहे हों, ये शब्द आपकी जन्माष्टमी की खुशियों को और भी ऊँचाई पर ले जाने की शक्ति रखते हैं। जैसे-जैसे आप इस दिव्य पर्व को मनाते हैं, शायरी की खूबसूरती को अपनी उत्सव में शामिल करें।
तो इस जन्माष्टमी, एक पल लें और शायरी की दुनिया में खुद को डुबो दें। अपने शब्दों को भक्ति, प्रेम, और आनंद के साथ बहने दें, और उन्हें दुनिया के साथ साझा करें। आखिरकार, श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव शायरी की अनमोल खूबसूरती के साथ मनाने से बेहतर और क्या हो सकता है!
FAQ’s
जन्माष्टमी शायरी क्या है?
Janmashtami Shayari वे काव्यात्मक पंक्तियाँ हैं जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने के लिए रची जाती हैं। ये शायरियाँ भक्तिपूर्ण, हास्यपूर्ण या रोमांटिक हो सकती हैं, जो श्रीकृष्ण के जीवन और शिक्षाओं के विभिन्न पहलुओं को प्रतिबिंबित करती हैं। इन्हें अक्सर मित्रों, परिवार के सदस्यों के बीच और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया जाता है ताकि भक्ति व्यक्त की जा सके और इस त्योहार के दौरान दूसरों के साथ जुड़ा जा सके।
Janmashtami Shayari का महत्व क्या है?
शायरी एक ऐसी शक्तिशाली विधा है जो साधारण से परे जाकर आत्मा को छू जाती है। जन्माष्टमी पर, ये काव्य पंक्तियाँ भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को एक सुंदर और अर्थपूर्ण तरीके से व्यक्त करने का अवसर देती हैं। चाहे आप इन्हें मंदिर में पढ़ रहे हों या दोस्तों के साथ साझा कर रहे हों, जन्माष्टमी शायरी उत्सवों में भावनात्मक गहराई जोड़ती है।
जन्माष्टमी की शायरी में कौन-कौन से लोकप्रिय विषय होते हैं?
जन्माष्टमी शायरी में आमतौर पर श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति, उनकी बाल लीलाएँ, राधा के प्रति उनका गहन प्रेम, और भगवद गीता में अर्जुन के सारथी के रूप में उनकी बुद्धिमत्ता जैसे विषय होते हैं। कई शायरियाँ त्योहार को भी दर्शाती हैं, जिसमें श्रीकृष्ण के जन्म के उत्साह और आनंद को वर्णित किया जाता है। प्रत्येक विषय शायरी में एक अनूठा स्वाद जोड़ता है, जिससे यह अभिव्यक्ति की एक समृद्ध और बहुमुखी विधा बन जाती है।